परिवर्तन के गर्भ में है लाखों रोजगार,
है परिवर्तन हाथ में, फिर क्यों ताके वाट।
रोजगार सभी को चाहिए है सबका अधिकार,
परिवर्तन बिना सम्भव नहीं, हो अपनी सरकार।
धर्म भेद नहीं जाति कोई, तब होगा कल्याण,
जात-पात में उलझ गये तो, होगा बड़ा नुकसान।
संकल्प बिना क्या जीत पाओगे, सपनों का संसार,
लो संकल्प तुम अर्न्तमन से, मैं हूं तेरे साथ।
ज्ञातव्य है कि पुस्तक "गांव में शहर" के अन्तर्गत बेरोजगारी दूर करने हेतु पूरे देश में लगभग 4 (चार) करोड़ विभिन्न स्तरीय वैतनिक रोजगारों के पद सृजित किये गये हैं। जो व्यवस्था परिवर्तन एवं सत्ता विकेन्द्रिकरण पर आधारित है। जिसका पूरा-पूरा लाभ लेने के लिए देश के युवाओं, महिलाओं, गरीबों, दलितों, किसानों एवं मजदूरों को राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक एकता / संकल्प का संदेश पूरी दुनिया को देना होगा।
संयोजक
(राष्ट्रीय समाधान यूनियन) (R.S.U.)
सर्वोदयी संगठन
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